चार सौ खातिर दोस्त से ली दोस्त की जान
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- दो गिरफ्तार, एक फरार
चाईबासा: उधार का रुपया अपने दोस्त रमेश को न चुकाना लोकनाथ को मंहगा पड़ गया और महज 400 रुपये के लिये जिगरी दोस्त हत्यारा बन गया। जगन्नाथपुर थाना के करंजिया पंचायत अंतर्गत जलडिहा गांव में एक युवक की हत्या पत्थल से कूचकर किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल कायम है। आसपास के लोग डरे- सहमे हैं। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तत्पर हो गई व न सिर्फ लाश को कब्जे में लिया, बल्कि 48 घंटे के भीतर ही हत्या के आरोपियों को धर दबोचा।
जगन्नाथपुर अनुमंडल के डीएसपी प्रदीप उरांव द्वारा गठित विशेष छापेमारी दल का नेतृत्व थाना प्रभारी मधुसुदन मोदक को सौंपा गया। इनके साथ सहायक अवर निरीक्षक उमेश प्रसाद व अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। इन्होंने हत्याकांड का उदभेदन कर दिया है। पकड़े गये दोनों आरोपियों से पुछताछ में आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। प्रकाश ने बताया कि मृतक लोकनाथ गोप से चार सौ रूपये गाड़ी में तेल भराने के लिए रमेश गोप नें उधार लिया था। इसी रूपये की मांग मृतक लोकनाथ गोप नें रमेश से पंद्रह दिन पहले करंजिया बाजार में की थी। इस बाबत लोकनाथ और रमेश के बीच विवाद चल रह रहा था। आखिरकार रमेश गोप ने लोकनाथ की हत्या करने के लिए अपने तीन साथियों के साथ योजना बनायी व 14 अप्रैल की रात रमेश ने अपने ही दोस्त लोकनाथ की हत्या कर दी।
ऐसे दिया घटना को अंजाम:
पुलिस ने जब रमेश को पकड़ा तो उसने बताया कि लोकनाथ गोप, रमेश गोप तथा लुकना सवैया उर्फ लखन सवैया मेरा दोस्त है। उन लोगों के साथ घुमफिर कर 14 अप्रैल को जलडिहा बाजार में लोकना सवैया उर्फ लखन सवैया व रमेश गोप एक साथ हमलोगों ने हड़िया पिया। यहां से लुकना उर्फ लखन सवैया को बोला की उसने तेल भराने के लिए लोकनाथ से 400 लिया था, तभी से वो परेशान कर रहा है। उसने मेरे साथ मारपीट भी की थी, इसलिए उसे जान से मार देना है। वहीं से रमेश ने लोकनाथ को फोन पर ये कहते हुये बुलाया कि हमलोग फूलचंद गोप के घर आये हुए हैं। इसके अलावे प्रकाश गोप आया है।
यह सुनकर लोकनाथ आ गया व इसके बाद रमेश व लोकनाथ शादी में खाना खाये। बाद में रमेश ने अपने को घर छोड़ने की बात कही। तीनो आदमी मोटरसाईकिल में बैठकर बुरू जलडिहा की ओर चल दिये। वहीं से तीनों नर्रसिंगपुर चले गये। योजनानुसार लुकना सवैया उर्फ लखन सवैया वहीं रास्तें में झाड़ी में घात लगाकर छिपा था। जैसे ही लोकनाथ वहां पंहुचा तो लुकना ने झाड़ी से निकलकर उसे पटककर माथे को पत्थल से कूचकर हत्या कर दी। पत्थर को उसने खेत में फेंक दिया। पैंट व शर्ट में लगे खून को पानी से भींगाकर पोछ दिया। उसने उस कपड़े को वहीं छिपा दिया, लेकिन लोकनाथ के चप्पल को वहीं छोड़ दिया, जिसके सहारे पुलिस अपराधियों तक पंहुच गई। अभियुक्त पहले भी आपराधिक मामले में जेल जा चुके हैं।
Edited By: Samridh Jharkhand
