विधानसभा चुनाव को लेकर कैवर्त्त समाज में बढ़ी राजनीति सरगर्मी

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के साथ-साथ विभिन्न समाजिक संगठन ने कमर कस लिया है. इसी के तहत अखिल भारतीय कैवर्त्त कल्याण समिति की बैठक बिहार की राजधानी पटना में हुआ, जिसकी अध्यक्षता रामकृष्ण मंडल ने की.

नेताओं ने कहाकि 2 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ समिति के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता हुआ था. जिसमें केवट समाज को राजनैतिक भागीदारी, विकास, सम्मान और कल्याण हेतु कई महत्वपूर्ण मुद्दों साकारात्मक पहल का भरोसा मिला था, किन्तु अभी तक सरकार की ओर से कोई भी आवश्यक कदम नहीं उठाया गया है ।
बिहार विधानसभा को देखते नेताओं ने कहा कि बिहार राज्य में केवट समुदाय की राजनीति में भागीदारी नहीं के बराबर है. सभी राजनैतिक दलों के द्वारा इस समाज को राजनैतिक क्षेत्रों में उपेक्षा की जा रही है. हम सभी राजनैतिक दलों से मांग करते है कि इस विधानसभा चुनाव में केवट समाज को उचित भागीदारी मिले.
बिहार में दो दर्जन से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में केवट समुदाय की संख्या अधिक है जिसमें आसानी इस समाज के उम्मीदवार को सफलता मिला सकती है. वहीं पूर्व समाजवादी नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गयी।
बिहार में निमंलिखित विधान सभा क्षेत्रों में इस समाज की बहुलता है :-
मधुबनी – झंझारपुर , बाबूबरही, फुलपरास (अभी बाबूबरही से इस समाज के विद्यायक / मंत्री है) इसके अतिरिक्त राजनगर (एससी) विस्फी और बेनीपट्टी क्षेत्र में जनसंख्या निर्णायक है .
सुपौल-पिपरा, सुपौल, निर्मलील में बहुलता है एवं त्रिवेणीगंज (एससी), छातापुर एवं अन्य क्षेत्रों में भी निर्णायक भूमिका में है.
कटिहार – वरारी, कदवा, प्राणपुर, कोढा में बहुलता है एवं अन्य क्षेत्रों में भी निर्णायक भूमिका में है .
पूर्णियां – कसबा, रुपौली, अमौर बहुलता एवं कई विधान सभा में निर्णायक भूमिका में है .
अररिया – सिकटी, अररिया, फारविसगंज, रानीगंज में बहुलता है एवं अन्य क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका में है.
मधेपुरा – बिहारीगंज, मधेपुरा में बहुलता है तथा अन्य क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका में है .
सहरसा – महिषी, सोनवरसा में बहुलता है तथा अन्य क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका में है.
दरभंगा – बहादुरपुर, दरभंगा ग्रामीण, बहेरा सहित काई क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका में है.
समस्तीपुर – मोरवा, हसनपुर क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका में है.
वैशाली जिला में भी कई क्षेत्रों में इस समाज की संख्या निर्णायक है .
भागलपुर- बिहपुर में बहुलता है और तथा अन्य क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका में है.
इसके अतिरिक्त बिहार के सभी जिलों इस समाज की संख्या है जो किसी भी उम्मीदवार के लिए निर्णायक होगी.