बिहार के मधुबनी में पत्रकार अविनाश झा को जीवित जलाकर मार डाला, शक अस्पताल माफिया पर

मधुबनी : बिहार के मधुबनी जिले में एक स्थानीय पत्रकार अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ को जीवित जलाकर मारा गया। आरंभिक जानकारी के अनुसार, अविनाश को उसके द्वारा गड़बड़ियों की खबर प्रकाशित करने पर मारा गया है। वे एक न्यूज वेबसाइट से जुड़े थे। उनकी हत्या का शक स्थानीय अस्पताल माफिया पर है। अविनाश झा मधुबनी के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के रहने वाले थे।
ये डरा देने वाली खबर है। बिहार के मधुबनी के स्थानीय पत्रकार अविनाश झा उर्फ़ बुद्धिनाथ को जिंदा जलाकर मार डाला गया। आरोप स्थानीय अस्पताल माफिया पर है, जिनकी खबर इन्होंने ब्रेक की थी। अविनाश को आखिरी बार 9 नवंबर को रात 10 बजे देखा गया था। कल शव मिला, आज अंतिम संस्कार किया गया। pic.twitter.com/sZ5jmEOarG— Bhadohi Wallah (@Mithileshdhar) November 13, 2021
अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ को आखिरी बार नौ नवंबर 2021 की रात 10 बजे देखा गया था। इस संबंध में उनका एक वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर आया है। बुद्धिनाथ का शव शुक्रवार, 12 नवंबर को मिला जिसके बाद आज शनिवार को परिजनों ने उनका दाह संस्कार कर दिया।
पत्रकार व फिल्मकार विनोद कापड़ी सहित कई पत्रकारों ने इस घटना की निंदा की। विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर इसे बिहार में जंगल राज की वापसी बताया।
Jungle raj returns !! Have some shame @NitishKumar https://t.co/A8DEHRVEsT
— Vinod Kapri (@vinodkapri) November 13, 2021
इस संबंध में पत्रकार पुष्यमित्र ने फेसबुक पर लिखा, ऐसी खबर आ रही है कि मधुबनी जिले के इस स्थानीय पत्रकार अभि झा अविनाश को जिंदा जला दिया गया है। आरोप स्थानीय अस्पताल माफिया पर है, जिनकी खबर इन्होने ब्रेक की थी। मेरी जानकारी अपुष्ट सूत्रों से सम्बंधित है। कृपया स्थानीय साथी पुष्टि करेंगे।
अपडेट. अभी अभी इस युवक को अपना छोटा भाई मानने वाले बीजे विकास समेत कई पत्रकार साथियों ने इस खबर की पुष्टि की है। ये नौ नवंबर से लापता थे। कल रात शव मिला। आज परिजनों ने इनका अंतिम संस्कार किया है। यह भीषण घटना है।
पत्रकार बीजे विकास ने लिखा, छोटा भाई बुद्धिनाथ को कांधा देना पड़ेगा यह सोचे नहीं थे। यह मेरे जीवन का सबसे बुरा समय व बड़ा क्षति है। बेनीपट्टी के आम जनमानस, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, दुकानदारों से आग्रह है कि कल इस जघन्य आपराधिक षड्यंत्र के खिलाफ अपनीं दुकानें बंद रखेंगे। आसपास के गांव के साथी 10 बजे सभी लोहिया चौक पर पहुंचें।