35 दुर्गम प्रखंडो में बाइक एंबुलेंस सेवा, झुग्गी- झोपड़ी में लगेंगे क्लीनिक: रघुवर

35 दुर्गम प्रखंडो में बाइक एंबुलेंस सेवा, झुग्गी- झोपड़ी में लगेंगे क्लीनिक: रघुवर

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि आगामी सितंबर माह से प्रदेश के 35 ब्लाॅकों में बाइल एंबुलेस सेवा शुरु होगी, जहां पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बड़े वाहनों से मरीज लाना संभव नहीं है। इसके अलावे उन्होंने अगस्त माह से राज्य के शहरों के झुग्गी- झोपड़ी क्षेत्रों में क्लिनिक लगाने का निर्देश दिया है, ताकि लोगों को छोटी- मोटी बीमारियों के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़े।
सीएम ने कहा कि इस क्लिनिक में सामान्य जांच के साथ ही ओपीडी की सुविधा रहेगी, जिन मरीजों को इससे बेहतर इलाज की जरूरत होगी, उन्हें क्लिनिक द्वारा दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाएगा। वहीं 35 चिह्नित हर प्रखंडों में पांच- पांच बाइक एंबुलेंस रहेगी। इसके लिए सीएसआर से फंड की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री शनिवार को झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस बाबत स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी सहित कई अधिकारी मौजूद थे। सीएम ने कहा कि विगत साढ़े चार साल में स्वास्थ्य विभाग ने काफी अच्छा काम किया है, लेकिन अभी भी काफी काम करने की जरुरत है।

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सीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड से की है। राज्य के 36.65 लाख लाभुकों को गोल्डन कार्ड मिला है। पूरे देश में यह झारखंड तीसरे स्थान पर है। हमें पूरे देश में इस योजना में मिसाल कायम करनी है। जिन लोगों को गोल्डन कार्ड नहीं मिला है, सरकार उन्हें अपने खर्च पर गोल्डन कार्ड उपलब्ध करायेगी। 15 जुलाई से अभियान चलाकर सबका गोल्डन कार्ड बनने का काम शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत में किसी प्रकार की सहायता के लिए टॉल फ्री नंबर 12555 के साथ राज्य का अपना कॉल सेंटर शुरू करें। छोटे- छोटे काम कर अस्पतालों की सूरत सुधारी जा सकती है। इस बाबत उन्होंने कहा कि जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दें कि अभियान चलाकर 31 जुलाई तक अस्पतालों के कचरे साफ कराएं।
इसके अलावे वहां खराब बेड, गद्दे आदि की नीलामी करें। रंग रोगन करायें। इन छोटे- छोटे कामों से ही अस्पताल देखने में अच्छे लगने लगेंगे। गंदगी नहीं रहने से मरीजों को ठीक होने में कम समय लगेगा। सीएम ने निर्देश दिया कि राज्य के अस्पतालों में मैनपावर की काफी कमी है। छोटे-छोटे गैर तकनीकी कार्यों के लिए भी स्टॉफ की काफी जरूरत है। राज्य के आकांक्षी जिलों के आदिवासी व दलित युवाओं को इन कार्यों के लिए स्किल्ड करें जिससे इन्हें रोजगार मिले और अस्पतालों को भी मैनपावर मिल जायेगा। उन्होंने सभी पंचायत भवनों में योग केंद्र चलाने की बात कही। सीएम ने कहा कि 2017 से राज्य में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गयी। यह 24 घंटे लोगों को आपात परिस्थिति में सहायता मुहैया कराती है। अब तक इस सेवा से राज्य के 2,24,939 लोगों को सहायता मिल चुकी है, जिसमें 56247 दुर्घटना से संबधित मामले है। इसमें से अधिकांश मामलों में तो सही समय पर चिकित्सा सेवा मिलने से लोगों की जान बची है।
Edited By: Samridh Jharkhand

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