राजस्थान में दलित उत्पीड़न की शर्मनाक घटना, अशोक गहलौत से इस्तीफे की उठी मांग
जयपुर : दलित उत्पीड़न का एक बेहद विभत्स मामला राजस्थान से सामने आया है. इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. राजस्थान के नागौर जिले के पाचैड़ी थाने के करनू गांव में 16 फरवरी को यह घटना घटी है. जानकारी के अनुसार, दो दलित युवक अपनी मोटरसाइकिल की सर्विसिंग करवाने एक सर्विस सेंटर में गए थे. वहां पर किसी बात को लेकर दोनों लड़कों का मोटरसाइकिल सर्विस सेंटर के कर्मचारियों से झगड़ा हो गया.
इसके बाद सर्विस सेंटर वालों ने इस पर 500 रुपये चोरी करने का आरोप लगाया और इसे बुरी तरह से पीटा गया. लड़कों को कोड़ों व अन्य चीजों से पीटा गया और उसके बाद उनके कपड़े उतार कर उनके शरीर के अंदरूनी हिस्से में पेट्रोल डाला गया है. जिस वक्त यह मारपीट की जा रही थी उस वक्त वहां 10 से 15 लोग मौजूद थे. इस मामले में अबतक मात्र सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अन्य की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है.
जिन लड़कों के साथ ऐसी घटना घटी है, उनका नाम बिसा राम व पन्ना लाल है. पहले की उम्र 25 साल व दूसरे की 18 साल है. पीड़ितों द्वारा एफआइआर दर्ज कराये जाने के बाद इस मामले का वीडियो वायरल हुआ. वहीं, आरोपियों ने भी उन पर काउंटर एफआइआर कर दिया है.
इस घटना की सोशल मीडिया पर तीखी निंदा हो रही है और लोग राजस्थान की अशोक गहलौत सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. राजस्थान के डीजीपी आज तीन बजे एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इस मामले में जानकारी देंगे.
उधर, इस घटना के के विरोध में कुछ दलित संगठनों ने 23 फरवरी को राजस्थान बंद बुलाया है. भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत से कुर्सी छोड़ने की मांग की है. उन्होंने कहा कि भीम आर्मी के समर्थक 23 को राजस्थान बंद कर दें. वहीं, पत्रकार दिलीप मंडल ने भी बंद का आह्वान किया है. उन्होंने लिखा है कि अगर आपको इस घटना से गुस्सा नहीं आता है तो आपका जिंदा होना संदिग्ध है.