निजी स्कूल में खुद फीस जामा करने पहुंचे शिक्षा मंत्री, बीजेपी ने साधा निशाना
राज्य में निजी स्कूल की फीस का मामला एक बार फिर चर्चा बना हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के नतिनी का नाम ऑनलाईन पढ़ाई से हटा दिया गया. उसके बाद मंत्री शनिवार को खुद स्कूल पहुंचकर प्रभारी प्राचार्य शैलजा जयकुमार से बात की.

शिक्षा मंत्री ने दी सफाई
प्रभारी प्राचार्य ने उन्हें बताया कि रिया का नाम नहीं काटा गया है और हमलोग सिर्फ अभिभावकों से ट्यूशन फीस ही ले रहे हैं. उसके बाद मंत्री ने खुद काउंटर में लाइन लगकर फीस जमा कर दी. उसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बहुत सारे अभिभावकों का कहना था कि निजी स्कूल वाले तरह-तरह की फीस ले रहे हैं. उसी की जांच करने वे खुद ही स्कूल आ गए.
हालांकि जो भी लेकिन निजी स्कूल किन-किन मदों में फीस की वसूली करते हैं, इस मुद्दे को कैबिनेट की बैठक में उठाएंगे और फीस वसूली की जांच भी करवाएंगे। बता दें कि मंत्री जगरनाथ महतो की नतिनी रिया चास डीपीएस में क्लास 4 की छात्रा है।
मंत्री ने कहा- राजनीति करने नहीं आया हूं
स्कूल पहुंचे मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि बच्ची का ऑनलाइन पढ़ाई किसने रोका, ये मुझे नहीं पता. मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं और न राजनीतिज्ञ के दौर पर आया हूं. मेरी बेटी ने फोन किया कि बच्ची का पढ़ाई बंद कर दिया है. मैंने फोन कर कहा था कि मैं पैसा दे दूंगा, आप पढ़ाई में बाधा नहीं पहुंचाइएगा. मैं अभिभावक के तौर पर आया हूं.
शिक्षा मंत्री पर बीजेपी ने साधा निशाना
राज्य शिक्षा मंत्री के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जमकर निशाना साधा और कहा कि शिक्षा मंत्री लगातार कह रहे थे कि कोरोना काल में फीस जमा नहीं करने पर किसी भी बच्चे का नाम नहीं कटेगा, ऐसा करने वाले निजी स्कूल पर सरकार कार्रवाई करेगी. लेकिन जब शिक्षा मंत्री की नतिनी फीस मामला में नहीं बची तो आम नागरिक का क्या होगा. सरकार की करनी और कथनी में अंतर है.
