उद्घाटन के 12 घंटे बाद ही बह गई 2200 करोड़ की कोनार नहर
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स्टेट ब्यूरो: प्रदेश के उत्तरी छोटानागपुर में सिंचाई की बहुतप्रतीक्षित कोनार सिंचाई परियोजना उद्घाटन होने के महत 12 घंटे बाद ही बगोदर प्रखंड के खटेया गांव के पास बह गई। इस बाबत बरवाडीह, घोसको, प्रतापुर समेत कई गांवों के किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। इस प्रकरण में इंजीनियरों का कहना है कि बगोदर के पास कुसुम रजा गांव में शुरू हुई कोनार सिंचाई परियोजना के नहर टूटने के बाद एहतियात के तौर पर अभी पानी रोक दिया गया है। बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने इस बाबत मांग की है कि जो इस हादसे के लिए जिम्मेवार है, उसपर कार्रवाई हो। यदि नहीं किया जाता है, तो करेंगे।
कोनार की मरम्मत के लिए टीम मौकाए वारदात पर पहुँच चुकी है। बगोदर एवं सरिया की सीमा पर स्थित कुसुम रजा गांव में नहर टूटने से खेतों में पानी भर गया है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता का कहना है कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है, केवल तस्वीरों के माध्यम से मामले को पैनिक किया जा रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को इस बहुप्रतिक्षित कोनार नहर सिंचाई परियोजना का उदघाटन किया था, लेकिन ये विडंबना ही है, कि इसके महज एक दिन बाद बगोदर के कुसमरजा पंचायत के घोसको गांव में टूट गया। इस बाबत लाखों रुपये के फसल के अलावे एक आवास व चारदीवारी भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके कारण पंचायत के घोसको समेत चार गांव प्रभावित हुए हैं।
पूरे मामले की जानकारी मिलने के साथ ही पूर्व विधायक विनोद सिंह ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने दो टूक कहा, कि विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए सरकार ने आनन-फानन में इस परियोजना का उदघाटन कर आफत को न्यौता दिया है। गुरुवार को जैसे ही आमलोगों को इसकी भनक लगी, तो वे मौके पर सुबह ही पहुँच गए। पूर्व विधायक ने कहा कि 22 सौ करोड़ रुपये की परियोजना से किसानों को 22 रुपये का फायदा तो नहीं हुआ, उल्टे लाखों रुपये का नुकसान जरूर हो गया। दो सौ किमी में से अभी मात्र 60 किमी नहर बना है। लोगों ने 42 साल इंतजार किया है और 6 माह इंतजार कर लेंगे।
Edited By: Samridh Jharkhand
