Yashwantrao Kelkar
बड़ी खबर  सक्सेस स्टोरी  ओपिनियन 

शब्दों को बार-बार दोहराना एक बात है, शब्द के अर्थ को जीने की बात ही कुछ और है

शब्दों को बार-बार दोहराना एक बात है, शब्द के अर्थ को जीने की बात ही कुछ और है केएन गोविन्दाचार्य हमारे अभिभावक आदरणीय यशवंत राव केलकर जी नानी तीन बार हँसी आख्यान सुनाते थे. बात गहरी थी. उस कथा का अर्थ समझने मे जिन्दगी निकल जाय ऐसी भी स्थिति बनती है. एक नानी थी. वह साइकिल रिक्शे से...
Read More...

Advertisement