Satire
ओपिनियन 

Opinion व्यंग्य: फिर गये सुपारी के दिन 

Opinion व्यंग्य: फिर गये सुपारी के दिन  पान सुपारी पहले शुभ का प्रतीक माना जाता था. स्वागत का भी प्रतीक माना जाता था. शादी हो या श्राद्ध सभी जगह पान और सुपारी का बोल बाला रहता था.
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