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राष्ट्रीय  ओपिनियन 

Opinion: वीआईपी कल्चर खत्म करता है लोगों के बीच समानता का भाव

Opinion: वीआईपी कल्चर खत्म करता है लोगों के बीच समानता का भाव सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक जनता खुद इस संस्कृति को स्वीकार करती रहेगी, तब तक वीआईपी कल्चर खत्म नहीं होगा। बदलाव तभी आएगा जब लोग अपने अधिकारों को समझेंगे और भक्ति से लेकर लोकतंत्र तक समानता की मांग करेंगे।अनेक धर्मस्थलों में 400-500 रुपए तक का अतिरिक्त शुल्क लेकर मंदिरों में देवताओं के विग्रह के अधिकतम निकटता तक जल्दी पहुंचा जा सकता है।
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