बैंकों में जमा राशियों को अविलंब राज्य की समेकित निधि में जमा किया जाएः सरयू राय

सरयू राय ने लिखा प्रदेश के वित्तमंत्री को पत्र

बैंकों में जमा राशियों को अविलंब राज्य की समेकित निधि में जमा किया जाएः सरयू राय
सरयू राय (फाइल फोटो)

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने प्रदेश के वित्त मंत्री को एक पत्र लिख कर विभिन्न बैंकों में विभागों, प्रमंडलों एवं जिलों द्वारा जमा की गई राशियों को अविलंब राज्य की समेकित निधि में जमा कराने का आग्रह किया है. वित्त मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि अवव्हृत राशि को वापस समेकित निधि में जमा करना आवश्यक है. 

जमशेदपुर: जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने प्रदेश के वित्त मंत्री को एक पत्र लिख कर विभिन्न बैंकों में विभागों, प्रमंडलों एवं जिलों द्वारा जमा की गई राशियों को अविलंब राज्य की समेकित निधि में जमा कराने का आग्रह किया है. 

प्रदेश के वित्त मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि अवव्हृत राशि को वापस समेकित निधि में जमा करना आवश्यक है. इतना ही नहीं, इन राशियों के मद में बैंक खातों में उपार्जिंत ब्याज के राशि को भी वापस समेकित निधि में जमा किया जाना है. इस विषय में राज्य के प्रधान महालेखाकार का स्पष्ट निर्देश भी है. ऐसा नहीं किया जाना वित्तीय अनुशासन के विरुद्ध है. 

राय के अनुसार, राज्य में विभिन्न विभागों, प्रमंडलों एवं जिलों में, खास कर कार्य विभागों में खर्च नहीं हो सकी राशि के आंकड़े सिविल डिपोजिट, पीएल खाता एवं लोकलेखा के विभिन्न शीर्षों में स्पष्ट रुप से परिलक्षित हो रहे हैं. वित्त विभाग ने पत्रांक 492, दिनांक 24-12-2014 के द्वारा बैंकों में रक्षित एवं अव्यवहृत राशि को संबंधित विभाग के राजस्व शीर्ष के मुख्य शीर्ष, उप मुख्य शीर्ष, लघु शीर्ष की जो निधि खर्च नहीं हो सकी और बैंकों में रखी गई है, उसे समेकित निधि में जमा करने का पत्र निर्गत किया गया था. 

राय ने आगे लिखा कि इस पत्र से स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि जो राशि बैंकों से निकाल कर समेकित निधि में जमा की जा रही है, वह राशि स्थापना व्यय की है या राज्य योजना, केंद्रीय योजना एवं केंद्र प्रायोजित योजना के राज्यांश की है या केंद्रांश की राशि है?

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उन्होंने लिखाः विगत 09-07-2020 तता दिनांक 11-02-2022 को प्रधान महालेखाकार, झारखंड ने इस ओर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है. तदुपरांत राज्य सरकार के वित्त विभाग और महालेखाकार कार्यालय के बीच में विचार-विमर्श हुआ और बैंकों में पड़ी हुई अव्यवहृत राशि को राजकोष में जमा करने की स्पष्ट व्यवस्था की गई. तदनुसार, व्यवस्था बनाई गई कि बैंक खातों में जमा राजस्व मद की राशि अथवा अवशेष राशि जहां से यह राशि प्राप्त हुई है, उस विभाग का नाम एवं शीर्ष के अनुसार यह राशि समेकित निधि में जमा की जाएगी. 

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राय ने पत्र में लिखा कि इसमें स्थापना मद की राशि राज्य योजना मद की राशि, केंद्रीय क्षेत्र योजना मद की राशि तथा केंद्र प्रायोजित योजना राशि का राज्यांश और केद्रांश मदों में यदि अधिक या अनपेक्षित निकासी की गई है अथवा निकासी के बाद जो राशि खर्च नहीं हो पाई है, उनको इन्हीं शीर्षों के उप शीर्षों के अनुसार समेकित निधि में जमा किया जाना है. इसी तरह पूंजीगत व्यय शीर्ष के अंतर्गत भी स्थापना मद, राज्य योजना मद, केंद्र योजना मद और केंद्र प्रायोजित योजना मद के राज्यांश एवं केंद्रांश को भी पूंजीगत लेखों पर प्राप्तियों तथा वसूलियों के उप शीर्ष में समेकित निधि में जमा किया जाएगा. 

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राय के पत्र के अनुसार, यदि बैंक खातों में जमा पड़ी राशि किस विभाग की है, यह जानकारी तो है परंतु निकासी शीर्ष की जानकारी नहीं है तो उसे संबंधित विभागों के राजस्व व्यय के मुख्य शीर्ष एवं उप मुख्य शीर्ष में वापस किया जाएगा. यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि बैंक खातों में जमा राशि किस विभाग की है और किस शीर्ष की है, इन दोनों की जानकारी नहीं है तो विभिन्न विभागों की ऐसी राशियों को मुख्य शीर्ष विविध सामान्य सेवाएं एवं उप मुख्य शीर्ष तथा लघु शीर्ष की अधिक अदायगियों की वसूलियां शीर्ष में ऐसी राशियों को समेकित निधि में जमा किया जाएगा. 

सरयू राय ने पत्र में लिखा कि महालेखाकार और राज्य सरकार के बीच हुए विचार-विमर्श में यह निर्णय भी लिया गया कि विभिन्न विभागों के द्वारा बैंक खातों में जमा राशियों के विरुद्ध उपार्जिंज व्यय को ब्याज को भी समेकित निधि के मुख्य शीर्ष, ब्याज प्राप्तियां, उप मुख्य शीर्ष राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों की ब्याज एवं लघु शीर्ष अव्यतित शेष पर गारंटियों से ब्याज एवं अन्य आय तथा उपशीर्ष बैंक खातों में उपार्जिंत ब्याज में जमा किया जाएगा.


 

Edited By: Mohit Sinha
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Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.

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