मेहनत की मिसाल: डिलीवरी बॉय से डिप्टी कलेक्टर, जानें सूरज यादव की प्रेरक जर्नी

स्विगी की यूनिफॉर्म छोड़कर प्रशासनिक सेवा की वर्दी में सूरज यादव

मेहनत की मिसाल: डिलीवरी बॉय से डिप्टी कलेक्टर, जानें सूरज यादव की प्रेरक जर्नी
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गिरिडीह के छोटे से गाँव से निकले सूरज यादव ने संघर्षों को पीछे छोड़ते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल की। कभी स्विगी डिलीवरी बॉय के तौर पर काम करने वाले सूरज ने जेपीएससी 2023 में 110वीं रैंक लाकर डिप्टी कलेक्टर का पद पाया। उनका सफर कड़ी मेहनत, त्याग और परिवार व दोस्तों के सहयोग की मिसाल है।

रांची/गिरिडीह: एक कहानी जो लाखों लोगों को प्रभावित कर सकती है। कहानी जो दिखाती है कि धैर्य और दृढ़ संकल्प से कठिन से कठिन परिस्थितियाँ भी पार की जा सकती हैं। यह कहानी है सूरज यादव और उनके एक मेहनती स्विगी डिलीवरी बॉय से डिप्टी कलेक्टर बनने की।

सूरज का शुरूआती जीवन गिरिडीह जिले के एक छोटे से गाँव कपिलो में बीता। उनके पिता राजमिस्त्री थे और परिवार को गुज़ारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। सूरज ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एक कॉल सेंटर में काम करना शुरू कर दिया, लेकिन उनकी चाहत डीएसपी बनने की थी और वे इसकी तैयारी में भी जुट गए।

उन्होंने जेपीएससी परीक्षा की तैयारी करने और इम्तिहान के दौरान दो साल तक हजारीबाग में शिक्षक के रूप में भी काम किया। अपने परिवार की किस्मत बदलने के लिए दृढ़ संकल्पित, सूरज सिविल सर्वेंट बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए रांची चले गए। 

उन्होंने अपनी पढ़ाई और खुद का खर्च चलाने के लिए स्विगी में डिलीवरी बॉय का काम भी किया क्योंकि इस नौकरी से उन्हें काम करने और पढ़ाई करने में आसानी होती थी। इस पूरी यात्रा में, उनके परिवार का प्रोत्साहन अमूल्य साबित हुआ।

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उनके माता-पिता और ससुराल वालों ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनकी पत्नी ने उन्हें भावनात्मक रूप से मज़बूती दी। उनके पास अपनी बाइक नहीं थी, इसलिए उनके दो दोस्तों ने उन्हें अपनी छात्रवृत्ति के पैसे दिए ताकि वह अपनी नौकरी के लिए एक सेकंड-हैंड बाइक खरीद सकें।

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वर्षों के अथक प्रयास और त्याग के बाद, सूरज ने जेपीएससी 2023 परीक्षा में 110वीं रैंक हासिल की। यह एक ऐसी कामयाबी है जिसने अब अनगिनत लोगों को अपने सपनों को कभी न छोड़ने के लिए प्रेरित किया है।

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डिलीवरी बॉय से लेकर डिप्टी कलेक्टर बनने तक, उन्होंने साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत, लगन और अपनों के सहयोग से कोई भी सपना हासिल करना मुश्किल नहीं है। 

Edited By: Mohit Sinha
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Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.

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