प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित सीटें पर सरेंडर दुर्भाग्यपूर्ण: धर्मेंद्र तिवारी
भर्ती परीक्षा में शामिल योग्य पारा शिक्षकों को दी जाएगी प्राथमिकता
झारखंड हाईकोर्ट ने 2016 की शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए फैक्ट-फाइंडिंग कमीशन गठित किया है और जेएसएससी व सरकार की लापरवाही पर सख्त टिप्पणी की है। इस फैसले पर झारखंड प्रदेश जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र तिवारी ने दी अपनी प्रतिक्रिया ।
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने 2016 की शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए फैक्ट-फाइंडिंग कमीशन गठित किया है और जेएसएससी व सरकार की लापरवाही पर सख्त टिप्पणी की है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड प्रदेश जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित 3704 सीटें सरेंडर कर दी गई हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

तिवारी ने सवाल उठाया कि जब प्राथमिक शिक्षकों के लिए 25 प्रतिशत सीटें सुरक्षित रखकर सरकारी शिक्षकों को अवसर दिया जा सकता है, तो पारा शिक्षकों को क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि जो अभ्यर्थी 2016 की नियुक्ति परीक्षा में क्वालीफाई हैं और पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, वे अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं। ऐसे में सरेंडर की गई सीटों को इन्हीं पारा शिक्षकों से भरना न्यायसंगत कदम होगा।
उन्होंने सरकार और विभागीय पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पारा शिक्षकों के साथ इतना बड़ा अन्याय आखिर क्यों हुआ? इसकी जवाबदेही कौन लेगा? साथ ही तिवारी ने पारा शिक्षक संघ को भी आड़े हाथों लिया और पूछा कि संघ ने यह मुद्दा समय रहते सरकार तक क्यों नहीं पहुंचाया और आखिरकार चुप्पी क्यों साधी रही।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पारा शिक्षकों का योगदान किसी से छिपा नहीं है, ऐसे में अब न्याय यही होगा कि रिक्तियों को इन्हीं से भरा जाए।
तिवारी ने इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस दीपक रोशन के प्रति आभार व्यक्त किया और उनकी अनूठी पहल की सराहना की। साथ ही फैक्ट-फाइंडिंग कमीशन के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. एस.एन. पाठक से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और सुनिश्चित हो कि योग्य पारा शिक्षकों को अवसर मिले।
Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.
