दिशोम गुरु दिवंगत शिबू सोरेन का पैतृक गांव नेमरा में हुआ अंतिम संस्कार, "अंतिम जोहार" के लिए उमड़ा जन सैलाब
हेमन्त सोरेन ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को पारंपरिक रीति-रिवाज एवं रस्म के साथ दी मुखाग्नि
दिवंगत शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन एवं अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए राज्य के अलग-अलग कोनों से हजारों की संख्या में पहुंचे थे राज्य की जनता ने नम आंखों और व्यथित मन से दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को नमन किया, भावभीनी श्रद्धांजलि दी
रांची/रामगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन होने के साथ झारखंड में एक युग का अवसान हो गया। रामगढ़ जिला के गोला प्रखंड स्थित पैतृक गांव नेमरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिवंगत शिबू सोरेन जी का अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पिता के पार्थिव शरीर को पारंपरिक रीति-रिवाज तथा रस्म के साथ मुखाग्नि दी। इस दौरान हर किसी की आंखें नम थी। इससे पहले रांची के मोरहाबादी स्थित आवास से दिवंगत शिबू सोरेन जी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नेमरा में अंतिम दर्शनार्थ रखा गया। यहां हजारों -हज़ार की संख्या में लोगों ने भावुक और नम आंखों से "गुरुजी" को नमन कर अंतिम विदाई दी।
"अंतिम जोहार" के लिए उमड़ा जन सैलाब

रो पड़ा पूरा नेमरा
यूँ तो दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की जानकारी मिलने के बाद से ही उनके पैतृक गांव नेमरा में उदासी और सन्नाटा पसर चुका था। हर कोई गमगीन था। घरों में चूल्हे तक नहीं जले थे। वहीं, आज जैसे ही दिशोम गुरु का पार्थिव शरीर पैतृक आवास पहुंचा, पूरा नेमरा रो उठा। परिजन एवं सगे- संबंधी समेत राज्य के दूर दराज से आए लोगों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। सभी ने दिशोम गुरु को नमन कर अन्तिम विदाई दी।
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
