बच्चों व महिलाओं की तस्करी के खिलाफ सरकार बनाएगी कानून, लाएंगे बिल : स्मृति ईरानी

नयी दिल्ली : कोरोना महमारी की वजह से बच्चों पर मंडराते वैश्विक संकट पर चर्चा के लिए आयोजित दो दिवसीय लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट को संबोधित करते हुए भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबीन ईरानी ने देश के बच्चों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और बाल अधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। सम्मेलन में उन्होंने नोबेल विजेताओं और वैश्विक नोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार बच्चों के हितों को प्राथमिकता देती है। स्मृति ईरानी ने बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, वह बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग को लेकर संवेदनशील हैं और इस दिशा में कानून बनाने के लिए प्रयासरत हैं। भारत सरकार संसद में एंटी ट्रैफिकिंग बिल लाएगी।

उन्होंने कहा, बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रति वह गंभीर हैं और उद्योगों की सप्लाई-चेन यानी आपूर्ति श्रृंखला बालश्रम मुक्ते हो, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 से प्रभावित बच्चों का चिंता भारत सरकार को है और वह उनकी हर संभव मदद कर रही है।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन का यूएस चैप्टर 9 और 10 सितंबर को इस समिट का आयोजन कर रहा है। कैलाश सत्यार्थी की अगुआई में आयोजित इस समिट में शामिल होने वाली प्रमुख हस्तियों में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन, भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिता फोर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस घेब्रेयसस, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाय राइडर के नाम शामिल हैं। इसके अलावा नोबेल शांति विजेताओं में लेहमाह गॉबी, श्रीमती तवाकोल कर्मन, मुहम्मद यूनुस और जोडी विलियम्स सहित कई अन्य वैश्विक नेता भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
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