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energy transition

ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के नौवें वार्षिक सर्वे की मानें तो भविष्य में अपने कोयले के इस्तेमाल को लेकर भारत वैश्विक स्तर पर मिलेजुले संकेत भेजता रहा है। कोल प्लांट पाइप लाइन पर होने वाले इस सर्वे के मुताबिक़ जहां एक ओर नयी कोयला बिजली परियोजनाओं की कमीशनिंग बीते वर्षों में अपने निचले स्तर पर रही

रिपोर्ट में जस्ट ट्रांजिशन मंत्रालय के गठन का सुझाव दिया गया है। संभवतः यह पहला मौका है, जब किसी थिंकटैंक ने अपने अध्ययन के आधार पर समन्वय के लिए इसकी जरूरत बतायी है।

विश्व एनर्जी ट्रांज़िशन आउटलुक को पूर्वावलोकन इस दिशा में प्रगति की नाटकीय कमी की चेतावनी देता है, साथ ही यह 1.5 डिग्री सेल्सियस जलवायु लक्ष्य को बनाए रखने के लिए एनर्जी ट्रांज़िशन में सामरिक बदलाव की मांग करता है   वैश्विक संकटों के प्रभाव से वैश्विक एनर्जी ट्रांज़िशन अपनी ट्रैक से हट चुका है। बर्लिन

पवन बिजली उद्योग 2025 तक, ओनशोर या तटवर्ती और ऑफशोर या अपतटीय, दोनों बाज़ारों में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए वर्ष 2027 तक 680 गीगावाट की रिकॉर्ड स्थापना की उम्मीद कर रहा है। सप्लाई चेन की रुकावटों को दूर करने के लिया नीति निर्माताओं को 2026 से काम करने की ज़रूरत है। इसकी सप्लाई चेन

न्यायसंगत एनर्जी ट्रांज़िशन पर एक बार फिर ध्यान खींचने के इरादे से इंटरनेशनल फोरम फॉर एनवायरनमेंट, सस्टेनेबिलिटी, एंड टेक्नालजी (iForest) ने दिल्ली में इस विषय के तमाम नीतिगत और वित्तीय पहलुओं पर बात करने के लिए पहला ग्लोबल जस्ट ट्रांज़िशन डायलॉग आयोजित किया। इस आयोजन का उद्देश्य जस्ट ट्रांज़िशन, या न्यायसंगत एनर्जी ट्रांज़िशन, के राष्ट्रीय

जी20 देशों के अध्‍यक्ष के रूप में भारत के पास वैश्विक स्‍तर पर न्‍यायसंगत ट्रांज़िशन के वित्‍तपोषण तथा कई अन्‍य पहलुओं पर महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका है। इन पहलुओं में लो कॉस्ट लॉन्ग टर्म रेजीलियंस इन्वेस्टमेंट और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली क्षति की भरपाई के लिये आमदनी के नए जरिए तलाशने के

जस्ट ट्रांजिशन रिसर्च सेंटर, आइआइटी कानपुर की एक नई स्टडी में कोयला उद्योग से मिलने वाले राजस्व के परिप्रेक्ष्य में यह सिफारिशें की गई हैं कि ट्रांजिशन के लिए आने वाले समय में कौन-सा कदम उठाया जाना आवश्यक है।

वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक एम्बर के नए विश्लेषण से पता चलता है कि 2022 में भारत की बिजली क्षमता में वृद्धि का बहुमत (92%) सौर और पवन से चलित था। इस साल, जी20 शिखर सम्मेलन के होने से पहले यह मज़बूत वृद्धि देश के जलवायु नेतृत्व ग्रहण करने के लिए मंच तैयार करती है। कोयला

भारत नवीनीकृत ऊर्जा के जरिए जलवायु नेतृत्व की स्थिति में, लेकिन कुछ चुनिंदा राज्य की कर रहे हैं एनर्जी ट्रांजिशन प्रक्रिया की अगुवाई रांची : एनर्जी थिंकटैंक एंबर ने 17 मार्च 2023 को भारत में स्वच्छ .ऊर्जा क्षमता पर अपनी नई रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में स्वच्छ .ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों

ऊर्जा क्षेत्र की देश की अग्रिणी सार्वजनिक गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियां (एनबीएफसी) पीएफसी और आरईसी नई प्रौद्योगिकियों (पवन बिजली सौर ऊर्जा बैटरी स्टोरेज और इलेक्ट्रिक वाहन आदि) के हिसाब से खुद को पर्याप्त रूप से बदल नहीं पाई हैं, जिसके चलते इनके विकास और मुनाफ़ा कमाने की दर ठहरी हुई है। दरअसल ये दोनों ही