दुनिया ने कोविड संक्रमण के बाद कैसे गंवाया ग्रीन रिकवरी का मौक?
जहां एक ओर इस बात की उम्मीद थी कि कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया भर में ग्रीन रिकवरी होगी, वहीं REN21 की रिन्यूएबल्स 2022 ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट (जीएसआर 2022) की मानें तो पता चलता है कि पृथ्वी ने यह मौका खो दिया है। यह रिपोर्ट एक स्पष्ट चेतावनी देती है कि वैश्विक स्तर पर क्लीन
झारखंड में ई-वेहकिल से बदल रही हैं जिंदगी, लेकिन कायम हैं कई चुनौतियां
झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी देवघर में ई-रिक्शा का परिचालन बहुतायत में हो रहा है। देखते-देखते स्थानीय परिवहन के बड़े हिस्से पर इसने कब्जा कर लिया, लेकिन नीतिगत अस्पष्टता की वजह से कई दिक्कतों का लगभग सभी पक्ष को सामना करना पड़ रहा है...
कोयला के भरपूर दोहन व विद्युत उत्पादन में वृद्धि के बावजूद बिजली संकट कायम, उपाय क्या है?
रांची : कोयला मंत्रालय ने बुधवार (आठ जून 2022) को नए आंकड़े पेश करते हुए बताया है कि मई 2022 में पिछले साल की इस अवधि की तुलना में देश में कोयला उत्पादन और बिजली उत्पादन दोनों बढा है। कोयला मंत्रालय ने यह दावा ऐसे हालात के बीच किया है, जब प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य
नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य के लिए झारखंड में कार्बन न्यूट्रल इकोनॉमी का निर्माण है जरूरी
कार्बन बजटिंग और न्यूट्रैलिटी पर रोडमैप लागू करने के लिए इंडस्ट्रीज और बिज़नेस सेक्टर्स प्रतिबद्ध जेएसपीसीबी और सीड के द्वारा कार्बन बजटिंग पर कान्फ्रेंस का आयोजन रांची : झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (JSPCB)और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (SEED) द्वारा संयुक्त रूप से एक राज्य स्तरीय कान्फ्रेंस कार्बन बजटिंग एंड न्यूट्रैलिटी इन झारखंड
स्वच्छ ऊर्जा से नौ गुणा अधिक सब्सिडी जीवाष्म ईंधन को, 2030 के लक्ष्य के लिए और वित्त पोषण जरूरी
भारत में अक्षय ऊर्जा पर सब्सिडी 59 प्रतिशत गिरकर 6,767 करोड़ रुपये हो गई है, जो वित्त वर्ष 2017 में 16,312 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं जीवाश्म ईंधन को वित्त वर्ष 20-21 में मिल रही सब्सिडी अक्षय ऊर्जा को मिल रही सब्सिडी से नौ गुना रही।
वे यह मानने को तैयार नहीं हैं कि अब जिंदगी कोयले के बिना चलानी होगी
राहुल सिंह जब हम झारखंड की राजधानी रांची से खूबसूरत पतरातू घाटी को पार करते हुए उससे नीचे उतरते हैं तो पॉवर प्लांट की चिमनियां किसी औद्योगिक कस्बे में होने का अहसास कराती हैं। यहां पतरातू थर्मल पॉवर स्टेशन है और उसकी एक दूसरी इकाई में भारत के सबसे बड़े थर्मल पॉवर प्लांट में एक
उद्योग के बिना 2050 तक शून्य उत्सर्जन अर्थव्यवस्था हासिल नहीं किया जा सकता है : WEF एनर्जी ट्रांजिशन रिपोर्ट
रांची : वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने इसी महीने जारी अपने एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स 2022 में कहा है कि उद्योग के बिना 2050 तक नेट जीरो इकोनॉमी यानी शून्य उत्सर्जन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योगों का मानव जनित उत्सर्जन में 30 प्रतिशत का
बलकुदरा : कोयला, ऊर्जा व स्टील इकाइयों के लिए विस्थापन झेलने वाले गांव में कितना पहुंचा विकास?
राहुल सिंह खनन, ऊर्जा व औद्योगिक इकइायों से घिरा बलकुदरा रांची-भुरकुंडा रोड पर स्थित भारत के लाखों अन्य गांवों की तरह एक सामान्य गांव नहीं है। यह गांव रांची से तकरीबन 50 किमी और रामगढ से 22 किमी की दूरी पर है। यह संसाधनों और संभावनाओं से भरा-पूरा भूभाग रहा है और इसलिए इसका दोहन
खराब प्रबंधन से पैदा हुआ बिजली संकट, यही समय है अक्षय ऊर्जा में निवेश का : विशेषज्ञ
नयी दिल्ली : भारत इस वक्त ग्लोबल वार्मिंग की जबरदश्त मार सहने को मजबूर है। भीषण गर्मी के कारण तापमान बढ़ने से बिजली की खपत में वृद्धि के फलस्वरूप देश के विभिन्न राज्यों में बिजली संकट भी उत्पन्न हो गया है। इसे कोयले की कमी से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना
ग्राउंड रिपोर्ट : प्रस्तावित पीरपैंती-बाराहाट कोयला परियोजना को लेकर ग्रामीणों के मन में हैं कैसे सवाल?
ऐसे गांव की कहानियां अक्सर छपती हैं जो कोयला खनन से प्रभावित हैं। पर, ऐसे गांव जो भविष्य में कोयला खनन से प्रभावित हो सकते हैं, वहां के लोगों की भविष्य को लेकर क्या कल्पना और सोच है, उसे जानना भी दिलचस्प है। यह जानना तब और जरूरी हो जाता है जब धरती के बढते तापमान को नियंत्रित करने के लिए "अब और नया कोयला खदान नहीं" का संकल्प व्यक्त किया जाता है। पढें झारखंड के गोड्डा जिले से यह रिपोर्ट...