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जलवायु परिवर्तन का दुष्परिणाम है बाढ़ और सूखा पड़ना : डॉ रणजीत कुमार सिंह

साहिबगंज : आरोग्य भारती के प्रांतीय पर्यावरण टोली सदस्य सह राजमहल मॉडल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रणजीत कुमार सिंह ने कहा है कि लगातर नष्ट किए जानं से राजमहल पहाड़ियों की जैव विविधता पर संकट उत्पन्न हो गया है।

उन्होंने रांची में आरोग्य भारती द्वारा आयोजित प्रांतीय पर्यावरण कार्यशाला में विशेषज्ञ सत्र को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं। आरोग्य भारती के द्वारा एक दिवसीय प्रांतीय पर्यावरण कार्यशाला में डॉ रणजीत कुमार सिंह ने भाग लिया।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का दुष्परिणाम पर्यावरण पर पड़ रहा है, जिससे सूखाड़ और बाढ़ से मानव जीवन में तबाही मच रही है। प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन, सरकार एवं शासन के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के समुचित सुरक्षा के उपाय पर चर्चा करते हुए स्थानीय लोगों से संवाद करना एवं प्राकृतिक संसाधन के प्रयोग के अनुशासित तरीके आदि विषयों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

इसमें सबसे बड़ी भूमिका समाज की होती है, ताकि समाज से ही किसी समस्या का समाधान हो सके और उसके लिए सरकार और शासन को संवाद करना चाहिए। डॉ सिंह ने कहा, हमारे जितने भी पारंपरिक जल स्रोत हैं, नदी, तालाब, नाले, कुआं, झील वेटलैंड आदि को संरक्षित कर उसके प्राकृतिक स्वरूप में लाने की जरूरत है।

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