
पारा शिक्षक के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो एवं विधायक सुदिव्य कुमार सोनू।
रांची : लंबे समय से आंदोलनरत पारा शिक्षकों एवं झारखंड सरकार के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन गयी है। राज्य के पारा शिक्षकों ने सेवा शर्त नियमावली पर अपनी सहमति दे दी है। इसके साथ ही इस महीने की 29 तारीख को हेमंत सोरेन सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर पारा शिक्षक अपना आंदोलन स्थगित कर लेंगे। इसके लिए सरकार इस तैयारी में है कि 29 दिसंबर के पहले इस प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति मिल जाए।
अगर 65000 पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापक) के मुख पर संतोष और हर्ष है तो हमारे मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM जी और मैं भी खुश हूँ।
एकीकृत पाराशिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ सार्थक, सकारात्मक सफल वार्ता के लिए सभी का आभार। प्रयासरत रहूँगा आगे भी जब तक मैं हूँ और हमारी सरकार है। pic.twitter.com/UccBSRfLtV— Jagarnath Mahto (@Jagarnathji_mla) December 14, 2021
नियमावली में किए गए बदलाव के आधार पर पारा शिक्षक अब सहायक शिक्षक कहलाएंगे। पारा शिक्षकों के सुझाव पर नियमावली में कुछ बिंदुओं पर बदलाव किया गया है। इससे पहले 11 दिसंबर को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ पारा शिक्षकों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें सेवा शर्त की नियमावली की कॉपी दी गयी। पारा शिक्षकों की ओर से उसमें कुछ संशोधन सुझाव के साथ पारा शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को फिर शिक्षा मंत्री जगनराथ महतो से मिला। इस वार्ता में शिक्षा मंत्री के अलावा झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के विनोद बिहारी महतो आदि शामिल थे।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के अनुसार, पारा शिक्षकों के सुझाव को नियमावली में शामिल किया जाएग और साथ ही पिछली सरकार द्वारा उन पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
नियमावली के महत्वपूर्ण बिंदु :
टेट सफल पारा शिक्षक के मानदेय में 50 प्रतिशत व अन्य शिक्षकों के मानदेय में 40 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। मानदेय में वृद्धि जनवरी 2022 से प्रभावी होगी। आकलन परीक्षा पास करने के बाद शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
पारा शिक्षकों को आकलन परीक्षा देने के तीन की जगह चार अवसर मिलेंगे। यह सुझाव पारा शिक्षकों की ओर से आया है।
पारा शिक्षकों के मानदेय में अब हर साल चार प्रतिषत की वार्षिक वृद्धि की जाएगी। पहले यह वृद्धि तीन प्रतिशत थी।
पारा शिक्षकों को 15 दिनों का मेडिकल अवकाश भी मिलेगा।
आकलन परीक्षा में पांच प्रतिशत कम अंक का प्रावधान होगा। सामान्य वर्ग के लिए यह 45 प्रतिशत से 40 प्रतिशत और अन्य वर्ग के लिए 40 के बजाय 35 प्रतिशत होगा।
यह भी देखें
-
भ्रूण ने कर दिया अपनी सरकार के खिलाफ जलवायु निष्क्रियता का मुकदमा
-
10cric India – Overview
-
बेहतर अनुकूलन क्षमता मॉनसून की अनिश्चितता के प्रभाव से निपटने के लिए जरूरी : विशेषज्ञ
-
तीन सालों में कोयला खनन के लिए डायवर्ट की गयी कुल जमीन में एक चौथाई वन भूमि : रिपोर्ट
-
Digital Data Rooms
-
How to Find a Data Established Online
-
भारत-बांग्लादेश में हुई अत्यधिक बारिश और बाढ़ सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन के कारण
-
रांची के आशुतोष को क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की प्रतियोगिता में मिला दूसरा स्थान