
रांचीः एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र, नई दिल्ली (Delhi) झारखंड भवन एवं बाल कल्याण संघ (Jharkhand Building and Child Welfare Association) के सहयोग से मानव तस्करी की शिकार झारखंड (Jharkhand) की दो युवतियों एवं 8 बच्चों को दिल्ली में मुक्त कराया गया है। उन्हें पुनार्वास के लिए झारखंड लाया जा रहा है। मुक्त कराए गए सभी बालक बालिकाओं को गरीब रथ स्पेशल ट्रेन से नई दिल्ली से रांची भेजा जा रहा है।
गौरतलब है कि स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा (Commissioner Mastram Meena) के निर्देशानुसार एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र, नई दिल्ली के द्वारा लगातार दिल्ली के विभिन्न बालगृहों का भ्रमण कर मानव तस्करी के शिकार, भूले- भटके या किसी के बहकावे में फंसकर असुरक्षित पलायन कर चुके बच्चे, युवतियों को वापस भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इसे लेकर दिल्ली पुलिस, बाल कल्याण समिति, नई दिल्ली एवं सीमावर्ती राज्यों की बाल कल्याण समिति से लगातार समन्वय स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार लोगों की पहचान कर उन्हें मुक्त कराया जा रहा है। उसके बाद मुक्त लोगों को सुरक्षित उनके गृह जिला भेजने का कार्य किया जा रहा है, जहां उनका पुनर्वास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM के प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार बालक/बालिकाओं को मुक्त कराने का कार्य जारी है। इस कड़ी में दो युवतियों एवं 8 बच्चों को दिल्ली में मुक्त कराया गया है। उन्हें पुनार्वास के लिए झारखण्ड लाया जा रहा है। pic.twitter.com/ZS5IEasqtB
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) August 31, 2021
दलालों के माध्यम से हुआ था पलायन
दिल्ली में मुक्त करायी गईं युवतियों और बच्चों को दलाल के माध्यम से लाया गया था। उसके बाद उन्हें दलालों द्वारा मोटी रकम लेकर बेच दिया गया था। कुछ बच्चे जिस घर में काम करते थे, वहां का व्यवहार अच्छा नहीं होने के कारण वहां से भाग कर घर जाने के लिए भटक रहे थे। इसी दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बच्चों का सहयोग किया और बालगृह में भेज दिया। कुछ बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा दिल्ली में दो-दो बार मानव तस्करों के चंगुल में जबरन भेजा गया था, जहां उनके साथ मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा था।
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