पूर्वजों की तपस्या, त्याग और बलिदान की बदौलत आदिवासियों को आज एक अलग पहचान और ताक़त मिली है: सीएम
सीएम ने लगभग 4 अरब 12 करोड़ 24 लाख 96 हज़ार रुपए की लागत से 246 योजनाओं का किया उद्घाटन- शिलान्यास

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो प्रखंड स्थित सेरेंगसिया में 1837 विद्रोह के महानायकों के सम्मान में आयोजित शहादत दिवस समारोह में हुए शामिल, अमर वीर शहीदों को नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की
रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि आदिवासी समुदाय के पूर्वजों की तपस्या, त्याग और बलिदान का परिणाम है कि आदिवासियों को आज एक अलग पहचान मिल रही है । हम उन शहीदों को सम्मान एवं नमन करते हैं, जिनकी बदौलत देश के विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज बुलंद करने की हम सभी को ताकत मिली है। हमें आदिवासी होने का फक्र है। हमें अपने शहीदों और आंदोलनकारियों पर गर्व है। वे आज ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ 1837 में हुए विद्रोह के महानायकों की याद एवं सम्मान में पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो प्रखंड स्थित सेरेंगसिया में आयोजित शहीद दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने अमर वीर शहीदों को नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जब आजादी की लड़ाई शुरू भी नहीं हुई थी तब भी आदिवासियों का संघर्ष जारी था

नए वर्ष की पहली तारीख से ही शहादत दिवस मनाने की हो जाती है शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा झारखंड वीरो और शहीदों रही है। इस राज्य में इतने बलिदान दिए हैं कि यहां सालों भर शहादत दिवस मनाने की परंपरा है। नए वर्ष की पहली तारीख को खरसावां गोलीकांड के शहीदों को नमन करने के साथ इसकी शुरुआत हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार शहीदों और उनके आश्रितों को सम्मान के साथ हक- अधिकार दे रही है।
अलग राज्य के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा, कई ने शहादत दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के लिए हमें लंबा संघर्ष करना पड़ा। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में आदिवासियों ने लगभग 40- 50 वर्षों तक संघर्ष और लड़ाई लड़ी, तब जाकर झारखंड के रूप में अलग राज्य मिला। लेकिन, लगभग 18- 20 वर्षों तक जिन्होंने यहां शासन किया, उन्हें राज्य के विकास तथा आदिवासियों की चिंता नहीं की। लेकिन, जिस तरह हमने लड़कर झारखंड लिया, उसी तरह लड़कर हक और अधिकार भी लेंगे।
झारखंड के खनिज संसाधनों से पूरा देश हो रहा रोशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के खनिज संसाधनों से देश का खजाना भर रहा है। यहां के खनिज से पूरा देश रोशन हो रहा है। लेकिन, आज भी यह राज्य देश के सबसे पिछड़े राज्यों में गिना जाता है। इसकी वजह अलग राज्य बनने के बाद भी विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन, जब से हमारी सरकार है, इस राज्य को आगे ले जाने का प्रयास निरंतर जारी है।
आधी आबादी को सम्मान देने के साथ बना रहे सशक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में आपके समर्थन से हमारी सरकार बनी। लेकिन, सरकार को पूरे कार्यकाल के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। 2024 में आपके आशीर्वाद से एक बार फिर हमें मजबूत सरकार बनाने का मौका मिला। मैं आपको बताना चाहूंगा कि जहां केंद्र सरकार का महिलाओं के विकास के लिए लगभग 25- 26 हज़ार करोड़ रुपए का बजट है। वहीं, हमारी सरकार आधी आबादी को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए हर महीने 15 अरब रुपए का प्रावधान किया है। झारखंड देश का पहला राज्य है, जो बहन -बेटियों को हर महीने 25-25 सौ रुपए सम्मान राशि के रूप में दे रही है।
पैसे कहां खर्च करने हैं, सरकार रास्ता दिखाएगी
मुख्यमंत्री ने महिलाओं को आगाह किया कि वे उन लोगों से सावधान रहें, जो लोभ, लालच और झांसा देकर सरकार से आपको मिल रहे पैसे पर अपनी नजर गड़ाए हुए है। उन्होंने महिलाओं को भरोसा दिलाया कि वे अपने पैसे कहां और कैसे खर्च करेंगी, अब सरकार राह दिखाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए कार्य योजना बनाएं तथा गांव और पंचायत स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य करें।