औरंगजेब भी उतना हिंदू विरोधी नहीं था, जितना झामुमो-कांग्रेस: हिमंता बिस्वा सरमा
हिमंता बोले- झारखंड को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं आलमगीर आलम और इरफान अंसारी

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, इस बार का चुनाव रोटी- बेटी-माटी की सुरक्षा के लिए है. उन्होंने कहा, , इरफान अंसारी जैसे लोग महिलाओं का सम्मान नहीं करते. अगर आप एक रहेंगे तो इरफान अंसारी और आलमगीर आलम हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते.
जामताड़ा: असम के मुख्यमंत्री एंव झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने जामताड़ा में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में बिस्वा ने कहा कि, इस बार का चुनाव रोटी- बेटी-माटी की सुरक्षा के लिए है. उन्होंने झामुमो-कांग्रेस-राजद पर जमकर निशाना साधा. बिस्वा सरमा ने सीता सोरेन के खिलाफ दिए गए बयान पर कहा कि, इरफान अंसारी जैसे लोग महिलाओं का सम्मान नहीं करते.

बिस्वा सरमा ने कहा कि, जो लोग इरफान अंसारी को वोट देंगे, तो कल अगर आपकी बेटी को उठा ले जाते हैं ये आपकी मदद नहीं करेंगे. इसलिए इरफान अंसारी को वोट देने से पहले सोच लें कि हमारे घऱ में भी बेटी है. उन्होंने कहा कि किसी को डरना नहीं है. अगर आप एक रहेंगे तो इरफान अंसारी और आलमगीर आलम हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि जामताड़ा में इस बार चुनाव, सीता सोरेन और इरफान अंसारी के बीच है. ये चुनाव हमारी अस्मिता की लड़ाई का है. सरमा ने कहा कि, पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा जैसे इलाके में स्कूल शुक्रवार के दिन बंद किए जाते हैं, क्योंकि उस दिन नमाज पढ़ी जाती हैं. उन्होंने कहा कि, मैं पूछना चाहूंगा हमारे भारत के संविधान को हिंदू लोगों ने ही बनाया. हमारे लिए भी मंगलवार को स्कूल बंद होना चाहिए, हम भी हनुमान जी की पूजा करेंगे.
बिस्वा सरमा ने कहा कि, आलमगीर आलम और इरफान अंसारी झारखंड को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पढ़ा था कि विधानसभा में नमाज कक्ष बनाया गया. हमारे लोगों ने प्रोटेस्ट किया. हो नहीं पाया लेकिन सरकार ने प्रस्ताव किया था कि झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए व्यवस्था किया जाए. उन्होंने कहा कि, हनुमान चालिसा के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए. आज रामनवमी जुलूस नहीं निकालने दिया जाता, दुर्गा मां के मंदिर में मूर्ति विसर्जन के लिए अनुमति नहीं मिलती है. लेकिन मोहर्रम का जुलूस कभी बंद नहीं हुआ है. सरमा ने कहा कि, मोहर्रम के जुलूस से हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन रामनवमी का भी जुलूस निकलेगा. उन्होंने कहा कि औरंगजेब का शासन, बाबर का शासन भी देखा गया है. उन्होंने रामनवमी के जुलूस में किसी ने बाधा नहीं पहुंचाई, लेकिन इरफान अंसारी और आलमगीर आलम तो औरंगजेब और बाबर से भी ज्यादा नीचा गिरे हुए हैं.