चाईबासाः उपसमिति के निर्णयों का उल्लंघन कर बन रही ईचा डैम रद्द हो: सुरेश सोय
सलाहकार परिषद की उपसमिति का गठन किया

स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना संविधान के उपबंधों से असंगत, नियम अधिनियमों की अनदेखी तथा झारखंड जनजाति सलाहकार परिषद द्वारा गठित उपसमिति के निर्णयों का उल्लंघन तहत सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अवहेलना है।
चाईबासाः प्रखण्ड राजनगर अंतर्गत पंचायत हेरमा के ग्राम हाथीसेरेंग में जन जागरण सह जनांदोलन ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान के माध्यम से चलाया गया। जिसका नेतृत्व संघ के सचिव सुरेश सोय और उपाध्यक्ष रेयांस सामड द्वारा किया जा गया। इस बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान/मुंडा महावीर बानरा ने की।

महामहिम राज्यपाल झारखंड के आदेश से कल्याण विभाग, झारखंड सरकार की अधिसूचना संख्या 2470 दिनांक 09/10/2014 द्वारा चम्पाई सोरेन तत्कालीन आदिवासी कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में पश्चिमी सिंहभूम एंव सरायकेला खरसावां जिले में बनाए जा रहे ईचा खरकई बांध से हो रहे विस्थापित जनजातीय समुदाय के व्यक्तियों पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में प्रभावित ग्रामों का भ्रमण कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु झारखंड जनजाति सलाहकार परिषद की उपसमिति का गठन निन्मवत किया गया।
चम्पाई सोरेन | सदस्य विधानसभा सह आदिवासी कल्याण मंत्री - अध्यक्ष |
दीपक बिरुवा | सदस्य विधानसभा - सदस्य |
गीता कोड़ा | सदस्य विधानसभा - सदस्य |
सचिव जल संसाधन विभाग - सदस्य | |
प्रशासक स्वर्णरेखा सिंचाई परियोजना - सदस्य |
समिति ने दिनांक 11 अक्टूबर 2014 को स्थल अध्ययन यात्रा किया तथा विस्थापित होने वाले जनजातीय समुदायों का मंतव्य को जाना तथा तमाम मामलों की समीक्षा के उपरांत समिति ने 16 अक्टूबर 2014 को चार बिंदुओं पर ईचा डैम को रद्द करने के संदर्भ में सामाजिक अंक्षेपन के उपरांत समिति ने अनुशंसा किया:
जनजातीय क्षेत्रों में प्रचालित नियमों/अधिनियमों की अनदेखी कर बन रही ईचा खरकई बांध को अविलंब रद्द किया जाए। |
परियोजना हेतु अनाधिकृत रूप से कृषि भूमि,धार्मिक स्थल,कब्रिस्तान, नदी इत्यादि से अपना आधिपत्य हटाया जाय साथ ही रैयतों को उनकी भूमि वापसी सुनिश्चित किया जाय। |
उक्त परियोजना हेतु स्वीकृत राशि का खर्च प्रभावित 124 ग्रामों को उनके उत्थान के लिए खर्च किया जाय। |
124 ग्रामों के जनजातियों के हितों की रक्षा के लिए शहादत देने वाले शाहिद गंगाराम कालुंडिया के परिवार के आश्रितों को सम्मान एंव नौकरी दी जाय। |
जनजागरण अभियान में महावीर बानरा, सुरेश सोय, रेयांस सामड, बिरसा गोडसोरा, मोतीलाल कालुंडिया, मारकंडे बारी, घनश्याम बारी, लगो बारी, जादूनाथ बानरा, शिवचरण बानरा, शिशुमति देवी, ननिका बानरा, सावित्री बानरा, बिरंग बानरा, ललिता तांती, मुग्नी तांती और ग्रामीण उपस्थित थे।