
पटना : बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने शनिवार को बुनकरी के जरिए रोजगार सृजन को मुद्दे पर बुनकर वर्ग के प्रमुख लोगों के साथ विचार-विमर्श किया। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट, पटना में हुए इस विचार विमर्श में भागलपुर, गया, पटना, आरा, वैशाली, जमुई, बांका के बुनकर प्रतिनिधि शामिल हुए।
इसमें मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया है कि हस्तकरघा उद्योग के लिए जितनी भी मदद चाहिए होगी, राज्य सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि वे बिहार के बुनकरों को देश में नंबर वन बनाना चाहते हैं। इससे पलायन रुकेगा और बुनकरों के काम को पहचान मिलेगी।
इस दौरान खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक मोहम्मद हनीफ मेवाती ने सुझाव दिया कि आयोग द्वारा सोलर के माध्मयम से सूत कताई की जा रही है। बुनकर उसे इस्तेमाल में ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाथ से तैयार किया गया कपड़ा शरीर के लिए आरामदायक है। उन्होंने कहा कि आयोग कई तरह के प्रशिक्षण व अन्य कार्यक्रम चला रहा है जिससे बुनकरों को रोजगार मिल सके।
इस अवसर पर बिहार बुनकर कल्याण समिति के पूर्व सदस्य अलीम अंसारी ने विस्तार से यह बताया कि कैसे राज्य में दो लाख बुनकरों के लिए रोजगार सृजन की संभावनाएं हैं। बुनकर समाज के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा उठाए गए कई कदम की उन्होंने सराहना की। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी और बिजली की समस्या का समाधान अच्छी पहल है।
अलीम अंसारी ने अपने सुझाव में 10 बिंदुओं का जिक्र किया, जिसमें अस्पताल में बुनकरों का कपड़ा लेना, स्कूल में बुनकर के कपड़े की आपूर्ति, सरकारी कार्यालय में उपयोग होने वाले कपड़े, वर्दी में उपयोग होने वाले कपड़े आदि को बुनकरों से लेने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जेल एवं पुलिस वर्दी में बनुकर के तैयार कपड़ों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सूत बैंक की स्थापना करने, बुनकरों को मनरेगा से जोड़ने की भी मांग रखी। उन्होंने कहा कि बुनकरों के सामने पंूजी का संकट है, इसलिए उन्हें चार प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज दिया जाए।
इस दौरान मंच संचालन मोहम्मद उस्मान ने किया, जबकि मौके पर तारकेश्वर प्रसाद, उमेश मंडल, ओबैदुल्ला, एडवोकेट जुबैर अंसारी, मौलाना अब्दुल कलाम कासमी, शाहीद अंसारी, साबीर अंसादी आदि मौजूद थे।
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