यूजर्स सावधान! फेसबुक, वॉट्सऐप अब Meta AI चैट से तय होंगे आपके सोशल मीडिया विज्ञापन
नई दिल्ली: सोशल मीडिया दिग्गज Meta ने फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए एक बड़ा बदलाव घोषित किया है। 16 दिसंबर 2025 से मेटा अपने AI Chatbot, Meta AI और यूजर्स के साथ हुई चैट का डेटा विज्ञापन को पर्सनलाइज्ड बनाने के लिए इस्तेमाल करेगी। यह परिवर्तन उन यूजर्स पर लागू होगा जो Meta AI का उपयोग करते हैं। कंपनी ने संबंधित यूजर्स को ईमेल और नोटिफिकेशन के माध्यम से पहले ही जानकारी देना शुरू कर दिया है।
16 दिसंबर से नए नियम लागू होंगे

क्यों उपयोग कर रही है कंपनी डेटा?
Meta ने स्पष्ट किया है कि इस तरह बातचीत का डेटा उसके AI सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है। इससे कंपनी को यह पता चलता है कि यूजर किन विषयों, उत्पादों या सेवाओं में दिलचस्पी रखते हैं। इसी जानकारी के आधार पर फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर उनके फीड को पर्सनलाइज किया जाता है ताकि उन्हें ज्यादा प्रासंगिक विज्ञापन और पोस्ट मिल सकें।
क्या AI Chatbot की चैट फीड पर दिखेगी?
कई यूजर्स के मन में सवाल है कि Meta AI के साथ की गई बातचीत उनकी फीड पर लोगों को दिखाई देगी। कंपनी ने जानकारी दी है कि बातचीत की डिटेल्स पब्लिक फीड पर नहीं आएंगी। सिर्फ इन चैट्स के आधार पर यूजर को उपयुक्त विज्ञापन दिखाया जाएगा। अन्य कोई यूजर आपकी निजी चैट नहीं देख सकेगा।
बंद करने का कोई विकल्प नहीं
Meta ने स्पष्ट किया है कि उपयोगकर्ता के पास बातचीत का डेटा इस्तेमाल रोकने के लिए कोई ऑप्शन नहीं मिलेगा। यदि कोई यूजर नहीं चाहता कि उसकी Meta AI से हुई बातचीत विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल की जाए, तो उसे Meta AI Chatbot का उपयोग पूरी तरह से बंद करना होगा। सेटिंग्स में इस सुविधा को ऑफ करने का कोई विकल्प मौजूद नहीं है।
इन देशों में लागू नहीं होगी पॉलिसी
Meta की नई विज्ञापन नीति फिलहाल सिर्फ कुछ देशों में लागू होगी। UK, यूरोपीय संघ (EU) और दक्षिण कोरिया में यह पॉलिसी लागू नहीं होगी। भारत सहित अन्य देशों में यह बदलाव लागू हो जाएगा। इन देशों में यूजर्स को पुरानी विज्ञापन पॉलिसी के ही तहत सेवाएं मिलती रहेंगी।
Meta की यह नई पॉलिसी सोशल मीडिया और डिजिटल विज्ञापनों के क्षेत्र में बड़ा बदलाव है। यूजर की Meta AI के साथ की गई बातचीत अब डायरेक्ट तौर पर फीड में नहीं दिखेगी, बल्कि उनके विज्ञापन अनुभव को ज्यादा पर्सनलाइज़ करने के लिए उपयोग होगी। भारत सहित अधिकांश देशों में 16 दिसंबर से यह नियम लागू होगा, लेकिन यूरोपीय संघ, UK और दक्षिण कोरिया इसमें शामिल नहीं हैं। यूजर्स को इसका लाभ और जोखिम दोनों समझना जरूरी है क्योंकि मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर इसे बंद करने का कोई विकल्प नहीं मिलेगा।
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