सेहत की चाबी: दही खाने का सही समय और तरीका, जानें फायदे और नुकसान
लाइफस्टाइल डेस्क: दही को भारतीय आहार का एक महत्वपूर्ण और सेहतमंद हिस्सा माना जाता है। यह प्रोबायोटिक्स का एक बेहतरीन स्रोत है, जो न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, बल्कि शरीर को कई आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है। हालांकि, दही का पूरा फायदा तभी मिलता है जब इसका सेवन सही समय पर और सही विधि से किया जाए। आयुर्वेद में दही खाने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है।
दही खाने का सही समय: दोपहर है सबसे उत्तम

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पाचन क्रिया बेहतर: दोपहर में हमारी पाचन अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) मजबूत होती है, जिससे शरीर दही में मौजूद पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है।
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ऊर्जा का स्तर: यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है और थकान तथा कमजोरी को दूर करने में सहायक होता है।
रोजाना दही खाना फायदेमंद: दही अच्छे बैक्टीरिया का एक बेहतरीन स्रोत है। यदि आप दही में भुना हुआ जीरा मिलाकर खाते हैं, तो यह पाचन तंत्र के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद होता है। यह कब्ज या अपच जैसी पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
रात के समय भूलकर भी न खाएं दही
आयुर्वेद में रात के समय दही खाने की सख्त मनाही है।
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कफ और साइनस: रात में दही खाने से सर्दी, खांसी, साइनस और कफ की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि इसकी ठंडी तासीर रात में शरीर के कम तापमान के साथ मिलकर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
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ठंड के दिनों में परहेज: ठंड के मौसम में, खासकर सुबह या रात में दही खाने से बचना चाहिए।
यदि आप दही को चीनी या नमक की बजाय भुना जीरा पाउडर के साथ खाते हैं, तो न सिर्फ इसका स्वाद बढ़ता है, बल्कि दोगुना फायदा भी होता है।
दही खाने के जबरदस्त फायदे
दही को अपने आहार में शामिल करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं:
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पाचन में सुधार: प्रोबायोटिक्स आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
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मजबूत हड्डियां: कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों को मजबूती देता है।
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इम्यूनिटी बूस्टर: दही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
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वजन नियंत्रण: यह प्रोटीन से भरपूर होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और अनावश्यक खाने से बचा जा सकता है।
कब हो सकता है दही खाना खतरनाक?
दही स्वास्थ्यवर्धक है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका सेवन नुकसानदेह हो सकता है:
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सर्दी-खांसी और अस्थमा: अगर आपको पहले से ही सर्दी, खांसी, बलगम या अस्थमा की समस्या है, तो दही, खासकर रात में, खाने से बचना चाहिए।
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एसिडिटी या पेट में जलन: कुछ लोगों को खाली पेट दही खाने से एसिडिटी या पेट में जलन हो सकती है।
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जोड़ों का दर्द: यदि आपको जोड़ों के दर्द या गठिया की समस्या है, तो रात में दही खाने से सूजन बढ़ सकती है।
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बहुत खट्टा दही: ज्यादा खट्टा या बहुत पुराना दही खाने से पेट खराब होने या एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
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मीठी दही से परहेज: बहुत से लोगों को मीठी दही खाना पसंद होता है। अगर आप दही में चीनी, ब्राउन शुगर या गुड़ मिलाते हैं, तो कैलोरी बढ़ जाती है, जो डायबिटीज और बढ़ते वजन वाले लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
दही से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
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किसके साथ न खाएं: दही को गर्म करके या मछली, प्याज, या उड़द दाल के साथ नहीं खाना चाहिए।
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कैसे खाएं: दही को अत्यधिक ठंडा न खाएं, खासकर सर्दियों में।
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सलाह: यदि आपको लैक्टोज इनटॉलेरेंस या कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो दही का सेवन करने से पहले चिकित्सक या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें।
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य ज्ञान और आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए या आहार में बदलाव से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लेना उचित है।)
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