Accident Insurance: बस, ट्रेन, मेट्रो और हवाई जहाज हादसे में कितना मिलता है मुआवजा? जानें सरकारी नियम और प्रक्रिया
समृद्ध डेस्क: भारत में बस, ट्रेन, मेट्रो और हवाई जहाज हादसों के मामलों में सरकार द्वारा मुआवजा देने के नियम स्पष्ट रूप से तय किए गए हैं। अलग-अलग परिवहन माध्यमों के लिए मुआवजे की राशि, उसका आधार और क्लेम करने की प्रक्रिया अलग है, जिसे आम जनता को समझना भी जरूरी है। दुर्घटना में जान-माल के नुकसान की स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारें पीड़ितों को राहत राशि देती हैं। इसी संबंध में जानिए किस हादसे में कितनी राशि का प्रावधान है और किन नियमों के तहत यह मुआवजा मिलता है।
बस हादसे में मुआवजे का प्रावधान

ट्रेन एक्सिडेंट में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी
रेलवे एक्ट 1989 की धारा 124 और 124A के तहत ट्रेन दुर्घटना में मृत या घायल यात्री को मुआवजा दिया जाता है। घायल होने पर 2.5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है, जबकि दिव्यांगता या मृत्यु पर अधिकतम 10 लाख रुपये का प्रावधान है। राज्य सरकार भी कभी-कभी अतिरिक्त सहायता देती है। मुआवजे का हकदार वही यात्री होता है जिसके पास वैध टिकट हो, और यदि दुर्घटना यात्री की गलती, बीमारी या खुद ट्रेन के सामने आने के कारण होती है तो मुआवजा नहीं दिया जाता।
हवाई जहाज हादसे में विशेष अंतरराष्ट्रीय नियम
विमान हादसों के लिए मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 लागू होता है। इसके मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की दुर्घटना में पीड़ित परिवार को 1,16,821 विशेष ड्रॉइंग राइट्स (SDR) तक का मुआवजा मिलता है, जो भारतीय रुपये में लगभग 1.4 करोड़ रुपये है। यदि घरेलू उड़ान में हादसा होता है तो सिविल एविएशन मंत्रालय के 2014 नोटिफिकेशन के अनुसार एयरलाइन कंपनी परिवार को 20 लाख रुपये तक की राहत राशि देती है।
मेट्रो हादसे में नवीनतम संशोधन के तहत मुआवजा
मेट्रो रेल हादसों में मुआवजा देने के नियम जून 2025 में संशोधित किए गए हैं। वर्तमान में अगर किसी यात्री की मृत्यु या गंभीर चोट लगती है तो 8 लाख रुपये तक की राहत राशि तय की गई है। सभी सक्रिय मेट्रो रेल सेवाओं पर ये नियम लागू होते हैं और मुआवजा इस आधार पर मिलता है कि यात्री कितना गंभीर रूप से घायल हुआ है।
इंश्योरेंस क्लेम की अलग व्यवस्था
इसके अलावा यदि व्यक्ति ने पहले से टर्म इंश्योरेंस जैसे बीमा लिया है, तो घटना के बाद उसके परिजनों को निर्धारित बीमा राशि मिलती है। उदाहरण के तौर पर 1 करोड़ की पॉलिसी है तो यह राशि सरकार से मिले मुआवजे के अतिरिक्त रहेगी। इसमें क्लेम करने के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, पहचान पत्र आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
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