अफगानिस्तान में तालिबान के आने का पाकिस्तान ने लिया श्रेय, कहा – हमारे प्रयासों को याद रखा जाएगा
इस्लामाबाद : तालिबान के एक बार फिर से अफगानिस्तान में काबिज होने के साथ ही पाकिस्तान का चेहरा दुनिया के सामने आ गया है। अफगानिस्तान में इस उथल-पुथल का श्रेय लेते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि हमारे प्रयासों को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने अफगानिस्तान में शांति सुनिश्चित करने में इस्लामाबाद की महत्वपूर्ण भूमिका का दावा करते हुए कहा कि कोई भी देश पाकिस्तान को अनदेखा नहीं कर सकता क्योंकि उसने अफगान तालिबान को अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए तैयार किया। अहमद ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के लिए पाकिस्तान के प्रयासों को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को भी तालिबान से बातचीत के लिए मनाने की कोशिश की थी लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान सरकार को मान्यता देने का निर्णय प्रधानमंत्री इमरान खान और उनका मंत्रिमंडल करेगा।
अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री खान के निर्देश पर पाकिस्तान ने अफगान राजनयिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के इस्लामाबाद पहुंचने पर उन्हें ट्रांजिट वीजा के विशेष पैकेज की पेशकश की है। सरकार ने काबुल से आने वाले विदेशी राजनयिकों, पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ;आईएमएफ, विश्व बैंक आदि के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए सभी पाकिस्तानी हवाई अड्डों को चौबीस घंटे खुला रखने का फैसला किया है।
पाकिस्तान ने अब तक 900 राजनयिकों को निकाला
मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से करीब 900 राजनयिकों और विदेशी पत्रकारों को भी निकाला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति की वकालत करता है। शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान देश के हित में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खान के निर्देश पर वह अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए उज्बेकिस्तानए ताजिकिस्तानए अजरबैजान और ईरान की यात्रा करने जा रहे हैं।