
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. उसमें एक अहम फैसला नए सरोगेसी बिल को मंजूरी देना भी है. इस बिल का नाम सरोगेसी विनियमन विधेयक, 2020 है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पूर्व में इस संबंध में पेश किए बिल पर सलेक्ट कमेटी ने जो सुझाव दिए उसे इसमें शामिल किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले यह बिल लोकसभा में पारित हुआ था, लेकिन राज्यसभा में जाने के बाद उसे सलेक्ट कमेटी में भेजा गया था. इस प्रस्तवित कानून से सरोगेसी के नियम अधिक प्रभावी होंगे. इससे व्यावसायिक सरोगेसी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. साथ ही यह नया बिल किसी को संतान पाने में मदद के लिए मददगार होगा.
कैबिनेट ने “सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2020” को मंजूरी दी। प्रस्तावित कानून सरोगेसी के संबंध में प्रभावी रूप से सेरोगेसी के नियमों को सुनिश्चित करेगा, वाणिज्यिक सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाने में सहायक होगा साथ ही परोपकारी सरोगेसी की व्यवस्था को अनुमति प्रदान करेगा : @smritiirani https://t.co/bndBYLCJMx
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) February 26, 2020
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रेस कान्फ्रेंस में कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सिंगल महिला के केस में विधवा व तलाकशुदा को इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि कई बार किसी पुरुष या महिला को अनफर्टाइल बताया जाता है, ऐसे में वेलिड मेडिकल कंडिशन के आधार पर उन्हें इसका लाभ मिलेगा.
इस नए बिल के कानून का शक्ल लेने पर इसका लाभ उसी दंपती को मिलेगा जिसमें पुरुष व महिला दोनों भारतीय मूल के हों. स्मृति ईरानी ने कहा कि पहले सरोगेट महिला के लिए क्लोज रिलेटिव होने की व्यवस्था थी, अब इसके लिए इच्छुक महिला की व्यवस्था बनायी गयी है. उन्होंने कहा कि सरोगेट मदर के लिए इंश्योरेंस कवरेज पहले 16 महीने से बढाकर 36 महीने करने का प्रावधान नए बिल में है. वहीं सरोगेसी के लिए नेशनल बोर्ड एवं स्टेट बोर्ड की कार्य अवधि एक साल से बढाकर तीन साल किया जाएगा.
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