रांची के अखबारों की सुर्खियां : बजट में अतिरिक्त जोखिम से बची सरकार, गैर सरकारी मदरसों को फिर मिलेगा अनुदान, अन्य खबरें
रांची : रांची से छपने वाले प्रमुख अखबारों में आज झारखंड के बजट की खबर प्रमुख है. नयी हेमंत सरकार का यह पहला बजट है. इसके साथ ही दुमका गैंगरेप मामले में कोर्ट का फैसला व कोरोना वायरस के बढे खतरे की खबरें अहम हैं.
प्रभात खबर ने बजट की खबर का शीर्षक दिया है: आपका बजट. अखबार ने लिखा है कि हेमंत सरकार के पहले बजट में चुनावी वादों की धमक है. खबर में उल्लेख है कि बेरोजगारों को सालाना पांच से सात हजार रुपये भत्ता मिलेगा. किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ होगा. 100 यूनिट तक की बिजली होगी माफ. अंदर के पन्ने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक बयान है कि जहां बेरोजगारों की फौज है, वहां करोड़ों की बिल्डिंग बनाना अन्याय है. उन्होंने यह बात पिछली सरकार के कार्यकाल में महंगी लागत पर भव्य सरकारी भवनों के निर्माण के संदर्भ में कही. बजट पर रघुवर दास की प्रतिक्रिया है कि किसानों को फिर से सरकार साहूकारों के चंगुल में भेज रही है. वहीं, बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया है: आदिवासी की सरकार कहते हैं, एसटी-एससी के लिए कुछ नहीं. कांग्रेस ने बजट को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने वाला बताया है. सरयू राय ने कहा है कि लोगों को इसका सीधा लाभ मिलना चाहिए.
प्रभात खबर के कवर पेज – 2 पर खबर है. दुमका नाबालिग गैंगरेप हत्या कांड में दुष्कर्मियों को कोर्ट ने चार दिन में फैसला सुनाया, उन्हें फांसी की सजा दी गयी. अखबार ने एक पाॅजिटिव खबर छापी है: संकल्प हो तो कोई भी परीक्षा आसान. यह खबर सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक छात्र हर्ष की है, जिसने सुरेंद्र नाथ स्कूल में विशेष अनुमति के आधार पर ऐंबुलेंस में लेटकर परीक्षा दी. यह उसके संकल्प शक्ति को बताता है. अखबार ने कवर पेज – 2 पर भी बजट से जुड़ी खबर को लीड में छापा है, जिसका शीर्षक है : बेरोजगारों को भत्ता, किसानों का कर्ज माफ. अखबार ने लिखा है कि वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने 86370 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. आठ लाख तक वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्यों की गंभीर बीमारी के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. एक एक्सपर्ट की टिप्पणी है कि बजट व्यावहारिक है, अतिरिक्त जोखिम नहीं उठाया गया. दिल्ली से आगरा तक एक शख्स से कोरोना वाररस के संक्रमण की खबर भी अखबार ने प्रमुखता से दी है. एक खबर है कि राज्य के 186 गैर सरकारी मदरसों को मिलेगा अनुदान, रोक हटी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हाजी हुसैन की बैठक में इस पर सहमति बनी. शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों की बैठक बुलायी थी. पिछली सरकार ने जांच के बाद इन मदरसों का अनुदान रोक दिया था.
हिंदुस्तान की बजट स्टोरी का शीर्षक है : किसान-गरीब के जागे नसीब. अखबार ने लिखा है कि सरकार ने बजट मे तोहफों की बारिश की है. गरीबी रेखा से उपर के परिवारों का पांच लाख रुपये का बीमा होगा, किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ होगा, राशन कार्ड से वंचित दस लाख लोगों को सरकारी फंड से अनाज मिलेगा. स्नातक बेरोजगारों को पांच हजार वार्षिक व स्नातकोत्तर बेरोजगारों को सात हजार सालाना भत्ता दिया जाएगा. अखबार ने वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के बजट भाषण के दौरान के शायराना अंदाज पर भी एक स्टोरी की है जिसका शीर्षक है: कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए. अखबार में दुमका गैंगरेप के दोषियों को फांसी की सजा और दिल्ली-आगरा में कोरोना वायरस के फैलने की खबर भी अखबार में प्रमुखता से है.
पुलवामा हमले के आतंकियों को शरण देने वाले पिता-पुत्री को एनआइए द्वारा गिरफ्तार किए जाने, दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस पर गोली चलाने वाले शाहरुख की गिरफ्तारी की खबर भी है. संसद में दिल्ली हिंसा पर हंगामे की खबर भी है तो प्रधानमंत्री का दूसरे दिन यह एलान भी है कि वे सोशल मीडिया नहीं छोड़ रहे हैं.
दैनिक जागरण ने झारखंड के बजट को शीर्षक दिया है: सबका ख्याल. इसके साथ तीन से निशाना साधते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तसवीर है. अखबार ने लिखा है कि महिलाओं के लिए नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा सरकार ने की है और किसानों की कर्ज माफी के लिए 2000 करोड़ का फंड है. टूरिज्म के माध्यम से 50 हजार रोजगार सृजन का भी लक्ष्य है. अखबार ने अपने कवर पेज – 2 पर बजट की तीन बड़ी घोषणाओं को रेखांकित करने वाला शीर्षक दिया है: 100 यूनिट बिजली मुफ्त, किसानों का कर्ज माफ, सबका स्वास्थ्य बीमा. सीएम हेमंत सोरेन का यह बयान भी है कि महिलाओं को नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. इसके अलावा अखबार ने दुमका दुष्कर्म मामले में दोषियों को फांसी की सजा को दूसरी प्राथमिकता दी है. वहीं, तीसरी अहम खबर है: कोरोना वायरस पर बढी चिंता, सरकार ने कसी कमर. कई शहरों में इसके केस सामने आए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी समीक्षा के बाद कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है.
दैनिक भास्कर की बजट स्टोरी की हेडिंग सबसे अधिक ध्यान खींचती है. शीर्षक है : खाली खजाने से सरकार ने सबको दिया थोड़ा-थोड़ा. अखबार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इलेस्ट्रेशन वाली शानदार तसवीर छापी है, जिसमें वे अपने दोनों मुख्य हाथों से जनता को अपनी खाली जेब दिखा रहे हैं, जबकि अन्य हाथों से कुछ न कुछ दे रहे हैं. अखबार ने लिखा है कि सेहत से शिक्षा, किसानों से बेरोजगारों सबको सरकार ने कुछ न कुछ दिया है, लेकिन शर्तें लगा दी हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि बजट में किसान, गरीब, युवा, महिला से धोखा हुआ है. अखबार ने दो एक्सपर्ट की टिप्पणी छापी है, जिसमें एक ने कहा है कि घोषणाओं को पूरा करने के लिए आंतरिक संसााधन जुटाना चुनौती है, जबकि अन्य एक्सपर्ट की टिप्पणी है शिक्षा, ग्रामीण विकास पर फोकस से ओवरआल डेवलपमेंट का विजन.